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माना कि हम दिल की बात
जुबान से बयां कर दिया करते हैं
मगर तेरे चेहरे को देखकर ही
हम हाले दिल आंखों से बयां कर दिया करते हैं
जिन को है अभी नाम से बंदी के तनफ़्फ़ुर
अल्लाह ने चाहा तो वही प्यार करेंगे
ठहरी जो वस्ल की तो हुई सुब्ह शाम से
बुत मेहरबाँ हुए तो ख़ुदा मेहरबाँ न था
मैं वो ग़म-दोस्त हूँ जब कोई ताज़ा ग़म हुआ पैदा
न निकला एक भी मेरे सिवा उम्मीद-वारों में
हर एक लहज़ा मिरी धड़कनों में चुभती थी
अजीब चीज़ मिरे दिल के आस-पास रही
More Shayari
Motivational Shayari

कोई ऐ ‘शकील’ पूछे ये जुनूँ नहीं तो क्या है
कि उसी के हो गए हम जो न हो सका हमारा
शकील बदायूनी
~ अज्ञात
हमने तो सीखा है बस बेखौफ मुस्कुराओ,
भाड़ में जाए दुनिया,
जी जलता है उसे और जलाओ!!!

कोई ऐ ‘शकील’ पूछे ये जुनूँ नहीं तो क्या है
कि उसी के हो गए हम जो न हो सका हमारा
शकील बदायूनी
~ अज्ञात

कोई ऐ ‘शकील’ पूछे ये जुनूँ नहीं तो क्या है
कि उसी के हो गए हम जो न हो सका हमारा
शकील बदायूनी
~ अज्ञात
सब कुछ मिल जाएगा तो तमन्ना किसकी करोगे,
अधूरी ख्वाहिशें ही तो जीने का मजा देती हैं!

कोई ऐ ‘शकील’ पूछे ये जुनूँ नहीं तो क्या है
कि उसी के हो गए हम जो न हो सका हमारा
शकील बदायूनी
~ अज्ञात
ग़ुलामी में न काम आती हैं शमशीरें न तदबीरें,
जो हो ज़ौक़-ए-यक़ीं पैदा तो कट जाती हैं ज़ंजीरें।
Festival Shayari

'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार
हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार
'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार
हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार
~ Couplets of Jamiluddin Ali
'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार ~ Couplets of Jamiluddin Ali

तुम्हारी तो दिवाली है,
लेकिन मेरी जिंदगी तो तुमने होली कर दी है…!!
तुम्हारी तो दिवाली है,
लेकिन मेरी जिंदगी तो तुमने होली कर दी है…!!
~ अज्ञात
तुम्हारी तो दिवाली है, लेकिन मेरी जिंदगी तो तुमने होली कर दी है…!! ~ अज्ञात

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
~ Mushafi Ghulam Hamdani
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर ~ Mushafi Ghulam Hamdani

जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली
जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली
जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली
जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली
~ अज्ञात
जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली ~ अज्ञात

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
~ Mushafi Ghulam Hamdani
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर ~ Mushafi Ghulam Hamdani

कहने लगे अब आइए सर पर है त्यौहार
घर मेरा नज़दीक है तारों के उस पार
कहने लगे अब आइए सर पर है त्यौहार
घर मेरा नज़दीक है तारों के उस पार
~ Bhagwan Das Ijaz
कहने लगे अब आइए सर पर है त्यौहार घर मेरा नज़दीक है तारों के उस पार ~ Bhagwan Das Ijaz

'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार
हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार
~ Couplets of Jamiluddin Ali
'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
~ Mushafi Ghulam Hamdani
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर

जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली
जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली
~ अज्ञात
जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
~ Mushafi Ghulam Hamdani
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
यहाँ पढ़ें खुशियों से भरी शायरी, जो आपके दिल को छू जाएगी और चेहरे पर मुस्कान लाएगी।

रौशन है आफ़्ताब की निस्बत चराग़ से
निस्बत वही है आप में और आफ़्ताब में
~ Ismail Meerthi
रौशन है आफ़्ताब की निस्बत चराग़ से निस्बत वही है आप में और आफ़्ताब में

नूर-ए-बदन से फैली अंधेरे में चाँदनी
कपड़े जो उस ने शब को उतारे पलंग पर
~ Lala Madhav Ram Johar
नूर-ए-बदन से फैली अंधेरे में चाँदनी कपड़े जो उस ने शब को उतारे पलंग पर
Funny Shayari

हमें आदत नहीं हर एक पे मर मिटने की,
तुझे में बात ही कुछ ऐसी थी दिल ने सोचने की मोहलत ना दी…..!!!
~ अज्ञात
हमें आदत नहीं हर एक पे मर मिटने की, तुझे में बात ही कुछ ऐसी थी दिल ने सोचने की मोहलत ना दी…..!!!

मुझे किसी और से क्या लेना देना,
मुझे तुमसे तुम्हारे वक्त से लेना देना है।
~ अज्ञात
मुझे किसी और से क्या लेना देना, मुझे तुमसे तुम्हारे वक्त से लेना देना है।

नदी को सागर से मिलने से ना रोको,
बारिस की बूंदों को धरती से मिलने से ना रोको,
जिन्दा रहने के लिए तुमको देखना जरुरी है,
मुझे तुम्हारा दीदार करने से ना रोको……!!!
~ अज्ञात
नदी को सागर से मिलने से ना रोको, बारिस की बूंदों को धरती से मिलने से ना रोको, जिन्दा रहने के लिए तुमको देखना जरुरी है, मुझे तुम्हारा दीदार करने से ना रोको……!!!

हम अपनी दिलपसंद पनाहों में आ गए,
जब हम सिमट के आपकी बाहों में आ गए…..!!!
~ अज्ञात
हम अपनी दिलपसंद पनाहों में आ गए, जब हम सिमट के आपकी बाहों में आ गए…..!!!

तुम दिल से हमें यों पुकारा ना करो,
यु तुम हमें इशारा ना करो,
दूर हैं तुमसे ये मजबूरी है हमारी,
तुम तन्हाइयों में यूं तड़पाया ना करो……!!!
~ अज्ञात
तुम दिल से हमें यों पुकारा ना करो, यु तुम हमें इशारा ना करो, दूर हैं तुमसे ये मजबूरी है हमारी, तुम तन्हाइयों में यूं तड़पाया ना करो……!!!
वसी शाह
इस जुदाई में तुम अंदर से बिखर जाओगे किसी मा’ज़ूर को देखोगे तो याद आऊँगा
View Shayariअज्ञात
“ख़ामोशी का मतलब ये नहीं कि हमें दर्द नहीं होता, बल्कि दिल से रोते हैं पर दिखाते नहीं।”
View Shayariअज्ञात
“दिल के रिश्तों में बेवफाई नहीं होती, बस वक्त का फेर उन्हें दूर कर देता है।”
View ShayariNida Fazli
ग़म हो कि ख़ुशी दोनों कुछ दूर के साथी हैं फिर रस्ता ही रस्ता है हँसना है न रोना है
View Shayariवो बेवफा हर बात पे देता है परिंदों की मिसाल,
वो बेवफा हर बात पे देता है परिंदों की मिसाल, साफ साफ नहीं कहता मेरा शहर छोड़ दो…!!
अज्ञातमहफ़िल ना सही तन्हाई तो मिलती है,
महफ़िल ना सही तन्हाई तो मिलती है, मिलें ना सही जुदाई तो मिलती है, प्यार में कुछ नहीं मिलता, वफ़ा न सही बेवफाई तो मिलती हैं !!
अज्ञाततेरी यादों की बारात, दिल में आज भी उतरती है,
तेरी यादों की बारात, दिल में आज भी उतरती है, तू नहीं है साथ, पर तेरी बेवफाई साथ चलती है।
अज्ञातकाश कोई अपना संभाल ले मुझको,
काश कोई अपना संभाल ले मुझको, बहुत कम बचा हूँ बिल्कुल दिसम्बर की तरह…!!
अज्ञातअब मैं तुम्हें कैसे समझाऊं,
अब मैं तुम्हें कैसे समझाऊं, की तुम्हारे बिना मैं मर तो सकता हूं, लेकिन जी नहीं सकता…!!
अज्ञातजुदाई की रातों में जब तन्हाई आती है,
जुदाई की रातों में जब तन्हाई आती है, दिल में तेरी यादों की बरसात होती है…!!
अज्ञातझूठी उम्मीद दिलाते हैं
झूठी उम्मीद दिलाते हैं बस जमाने वाले,, बहुत खूबसूरत लोग अक्सर बेवफा होते हैं।
अज्ञात
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❤️ दिल से शायरी ❤️
अपनी भावनाओं को शायरी की सुंदरता के साथ व्यक्त करें। प्रेरणादायक, रोमांटिक और जीवन से जुड़ी शायरी आपके दिल की बात कहने का बेहतरीन तरीका है। हर शब्द एक एहसास!
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Some Facts
85%
of people who read or write poetry, including Shayari, report reduced stress and anxiety levels.
68%
of people find Shayari easier to use for expressing emotions compared to regular conversation.
60%
of people who attend poetry gatherings report improved social connections.
40%
of people who read motivational Shayari feel a noticeable boost in their productivity and focus.
25%
Writing Shayari as a journaling exercise improved emotional intelligence by 25% in individuals over a six-month period.
30%
Platforms like Instagram and YouTube see over 30% higher engagement on posts with Shayari compared to regular content.
35%
A tree plantation drive in India using Shayari slogans saw a 35% increase in volunteer numbers.
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Shayari is shared on social media platforms 40% more often than traditional text posts.
🌟 शायरी का जादू 🌟
शब्दों में छुपा है वो जादू जो दिल को छू जाए। चाहे खुशी हो या ग़म, शायरी हर भावना को खास बना देती है। आइए और अपनी भावनाओं को एक नया आयाम दें!

शायरी क्यों खास है:
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अपनी हर भावना को शायरी के ज़रिए खास बनाइए। नई शायरी हर दिन!
Top Categories
❤️ अपनी भावनाओं को शायरी में ढालें ❤️
शायरी, वो कला है जो दिल से निकल कर सीधे दिल तक पहुंचती है। हर शब्द में छुपा है अनकही कहानियों का खजाना। आइए, अपने जज़्बातों को खूबसूरत अल्फाज़ों में बदलें।

शायरी के फायदे:
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"शब्द वो पुल हैं, जो दिलों को जोड़ते हैं।"